जगदीश चंद्रजीत
आधुनिक युवा पीढी के कवियों में श्री जगदीश चंद्रजीतका अपना एक विशिष्ट स्थान हैं। आधुनिक हिन्दी कवियों में समाजवादी चेतना को लेकर कविता करनेवालों में जगदीश चंद्रजीत का नाम आता हैं। आज का मानव कविता में कवि ने आधुनिक सभ्यता से प्रभावित स्वार्थी एवं व्यक्तिवादी मानव की ह्रुदयशून्यता पर प्रकाश डाला हैं। औद्योगीकरण , नागरिक सभ्यता , संयुक्त परिवार, का विघटन और अणुपरिवार का आविर्भावसंबंधों की शिथिलता आदि बातों ने आधुनिक मनुष्य की चेतना को एकदम बदल डाला । उसने सभी मानवीय गुणोंको खोया । आधुनिक मानव का लक्ष्य अपने अणुपरिवार के दो चार सदस्यों की उदर पूर्ति मात्र हैं।आधुनिक मनुष्य में स्नेह, दया, त्याग , ममता, आदि गुण नहीं हैं। वह केवल अपने परिवार की रक्षा ही आपना एकमात्र कर्तव्य मानता हैं। कवि ने कहा कि इस स्वार्थता छोड़ दें। समाज के प्रति अपने जो दायित्व हैं, वह आज का मानव खूब समझ लें।
make little more longer like a seminar report
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