25 Nov 2009
24 Nov 2009
कदम्ब का पेड़
तितली
फुल फुल पर जाती हैं
मेरा तितली सुंदर तितली
आओ आओ मेरे प्यारे
कितने सुंदर कितने प्यारे
आओ आओ मेरे प्यारे
रंग की राणी तितली राणी
मेरी राणी तितली राणी
रेवती पि
कक्षा ९- अ
18 Nov 2009
नारी
बन्धनों को तोड़ने की
हे प्यारी तुझ में हे हिम्मत
असमान को छुने की
हे नारी तुझ में हे क्षमता
इस दुनिया को चलाने की
हे जननी तुझ में ही शक्ती
नई जन्म देने की
हे स्त्री तुझ में ही बुद्धि
अपनी ज़िन्दगी पहचानने की
6 Nov 2009
इंदिरा गांधी
१९ नवम्बर १९१७ में उतर प्रदेश के अलाहाबाद जिल्ले में जवाहरलाल नेहरू और कमला नेहरू की बेटी इंदिरा का जन्म हुआ। भारत के पहला वनिता प्रधान मंत्री श्रीमती गाँधी के शासन काल में भारत विश्व का एक प्रबल शक्ति के रूप उबरा । अपनी ग्यारह साल की उम्र में बच्चों की ' monkey brigrade ' बनाकर वह स्वतंत्रता संग्राम में अपनी सहयोग दी। १९३८ में कांग्रस पार्टी में शामिल हुए इंदिरा की शादी १९४२ में पत्रकार फिरोस गांधी से हुआ। १९४२ में उनको ब्रिटिश शासन ने जेल भेजा। १९५९ में लाल बहादुर शास्त्री के काबिनेट में उनको मंत्री बनाया । १९६४ में नेहरू के निधन के बाद उनको कांग्रस पार्टी का प्रसिदंत चुना गया। शास्त्री की अकाल निर्यान के बाद १९६६ में भारत का प्रधान मंत्री का शपथ ली। १९७१ के चुनाव में अपनी पार्टी को जिताने में सफल हुए इंदिराजी दुबारा प्रधानमन्त्री का शपथ ली। जयप्रकाश नारायण के नेत्रुत्व में इंदिरा के ख़िलाफ़ एक आन्दोलन इसी दौरांत शुरू हुयी और अलाहाबाद उच्च न्यायालय १९७५ को इंदिरा की चुनाव रद्द की। अपने पड़ से इस्तीफा न देकर वह इमर्जेंसी देक्लैर किया। जो नेता उनके ख़िलाफ़ था उन सब को जेल भेजा और माध्यमों पर सेम्सरशिप लगाई। १९७७ को उन्होंने इमरजेंसी हटाकर चुनाव की घोषणा की। लेकिन वह कोंग्रस पार्टी चुनाव हारी। मोरारजी देसाई नए प्रधानमन्त्री चुने। जनता पार्टी में हुयी अंतरूनी विरोधों के कारण इसी सरकार गिरी और दो साल बाद फ़िर चुनाव की घोषणा की।इंदिरा के नेत्रुत्व में लड़े कोंग्रस पार्टी चुनाव जीतकर अपना सरकार बनाने में सफल हुयी। १९८० में तीसरी बार प्रधानमन्त्री बने इंदिराजी को ये मुश्किलों का समय था। उनके बेटा संजय गांधी का विमान दुर्घटना में मृत्यु हुयी और राज्य के विभिन्न हिस्सों में साम्प्रदायिक और प्रादेशिक मुद्दों पर समस्यायें पैदा हुयी। पंजाब अकालियों के प्रक्षोभ को लड़ने केलिए इंदिरा ने फौज को सुवर्ण क्षेत्र भेजने का निर्णय किया। सुवर्ण क्षेत्र के अन्दर फौजियोम को भेजने का निर्णय सिखों का विरोध का कारण हुआ। विरोधियों में उनके अंगरक्षक भी थे। १९८४ ओक्टोबर ३१ को जब वह अपने घर से बाहर आते वक्त उनकी अम्ग्रक्ष्कोम में से दो, उनके ख़िलाफ़ गोलियां मारकर उनकी हत्या की।
5 Nov 2009
रानी लक्ष्मीबाई
झांसी की राणी लक्ष्मीबाई का जन्म १९ नवम्बर १८२८ वाराणसी जिल्ले के भदैनी नगर में हुआ। मराठा शासित झांसी की राणी और भारत की स्वतंत्रता संग्राम का प्रथम वनिता थी रानी लक्ष्मीबाई । उनके बचपन का नाम मणिकर्णिका था। उनके पिता मोरोपंत एक साधारण ब्राह्मण और पेशवा बाजीराव की सेवक थे। उनकी बचपन में ही माँ की मृत्यु हो गई। घर में अकेले बेटी को मोरोपंत ने दरबार लेकर गई।
इनका विवाह सन १८४२ में झाँसी के राजा गंगाधर राव निवालकर के साथ हुआ। विवाह के बाद इनका नाम लक्ष्मीबाई रखा गया।सन १८५३ में राजा गंगाधर राव का स्वास्थ्य बहुत बिगड़ने पर उन्हें दत्तक पुत्र लेने की सलाह दी गयी। पुत्र गोद लेने के बाद राजा गंगाधर राव की मृत्यु २१ नवंबर १८५३ में हो गयी । दत्तक पुत्र का नाम दामोदर राव रखा गया ।
झांसी 1857 के विद्रोह का एक प्रमुख केन्द्र बन गया जहाँ हिन्सा भड़क उठी। रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी की सुरक्षा को सुदृढ़ करना शुरू कर दिया और एक स्वयंसेवक सेना का गठन प्रारम्भ किया । इस सेना में महिलाओं की भर्ती भी की गयी और उन्हें युद्ध प्रशिक्षण भी दिया गया। साधारण जनता ने भी इस विद्रोह में सहयोग दिया । 1857 के सितंबर तथा अक्तूबर माह में पड़ोसी राज्य ओरछा तथा दतिया के राजाओं ने झांसी पर आक्रमण कर दिया । रानी ने सफलता पूर्वक इसे विफल कर दिया । 1858 के जनवरी माह में ब्रितानी सेना ने झांसी की ओर बढना शुरू कर दिया और मार्च के महीने में शहर को घेर लिया । दो हफ़्तों की लडाई के बाद ब्रितानी सेना ने शहर पर कब्जा कर् लिया । परन्तु रानी, दामोदर राव के साथ अन्ग्रेजों से बच कर भागने में सफल हो गयी । रानी झांसी से भाग कर कालपी पहुंची और तात्या टोपे से मिली।